जीवन मैं पुस्तक का अपना एक स्थान होता है | इस लॉक-डाउन मैं अपनी सोच से एक किताब की फीलिंग्स आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, साथ में उसका चित्रण भी साझा कर रहा हूँ
मैं एक किताब हूँ |
मैं एक किताब हूँ,
फूलों से सजा एक अहसास हूँ,
पतझङ मैं, भिखरने का एक अंदाज़ हूँ,
सावन की हरियाली ही, मेरी असली पहचान है।
—
मैं एक किताब हूँ,
जज्बातों से भरी आवाज़ हूँ,
जगह और सम्मान की मोहताज़ हूँ,
फिर भी हर एक की आवाज़ हूँ ।
—
मैं एक किताब हूँ,
ज्ञान देना मेरा धर्म है,
सीख देना मेरा कर्म,
जोड़ती हूँ हर इंसान को वो भी बिना किसी नाम के।
—
मैं एक किताब हूँ,
मुझे पड़ते तो बहुत हैं,
समझते बहुत कम,
जो समझते हैं, उनमें से अमल करैं बहुत कम ।
—
मैं एक किताब हूँ,
मेरा एक एक अल्फ़ाज़ मेरे दिल की वाणी है,
जो पढ़े और बने, उनके जीवन की कहानी हूँ,
जो न पढ़े उसके भी जीवन के अहसास का साज़ हूँ।
—
मैं एक किताब हूँ,
हे मेरे मुकाम , मुझे पलट के तो देख,
हे मेरे एतराम, मुझे अपने जीवन मैं सजोके तो देख,
पल पल को बदल दूंगी, हर रंग से रंग दूंगी ।
—
मैं एक किताब हूँ,
किसी पहचान पर आश्रित नहीं,
कोई कहे जीवन सखा,
कोई कहे लाइफ लाइन ।
“मैं एक किताब हूँ”
मेरे प्रिय मित्रों , अपना अनुभव साझा करैं टिप्पणियाँ सेक्शन में|
धन्यवाद्
Team Art-India
Ati sundar bhawanao ke sath jeevan ka chitran 👌👌👍👍
It’s true that our life is like a book… Very nice thought and painting.